Delhi GRAP-4 लागू, बढ़ते प्रदूषण पर सरकार का बड़ा फैसला, स्कूलों में हाइब्रिड क्लास, दफ्तरों में 50% वर्क फ्रॉम होम के आदेश
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचने के बाद GRAP-4 लागू कर दिया गया है. कक्षा 11 तक (कक्षा 10 को छोड़कर) स्कूलों में हाइब्रिड क्लास और दफ्तरों में 50% वर्क फ्रॉम होम के आदेश दिए गए हैं. AQI 441 तक पहुंचने के बाद CAQM ने मौसम को बिगड़ते हालात की मुख्य वजह बताया है.
GRAP 4 Delhi: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. हालात को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-4 शनिवार से लागू कर दिया गया है. इसके बाद दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कक्षा 11 तक (कक्षा 10 को छोड़कर) सभी सरकारी और निजी स्कूलों में हाइब्रिड मोड में पढ़ाई कराने के निर्देश दिए हैं. यानी अब छात्र स्कूल जाकर भी पढ़ सकेंगे और ऑनलाइन क्लास का विकल्प भी रहेगा.
कक्षा 11 तक हाइब्रिड मोड, बोर्ड क्लास को राहत
सरकार के आदेश के मुताबिक नर्सरी से लेकर कक्षा 11 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में होगी. हालांकि, कक्षा 10 को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है, क्योंकि यह बोर्ड परीक्षा की कक्षा है. सरकार का मानना है कि बोर्ड स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर ज्यादा असर न पड़े, इसलिए उनके लिए ऑफलाइन क्लास जारी रहेंगी.
दफ्तरों में 50% स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम
स्कूलों के साथ-साथ दिल्ली में सरकारी और निजी दफ्तरों को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. आदेश के अनुसार, 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करना होगा. इससे सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकेगा.
इससे पहले 24 नवंबर को भी GRAP-3 लागू होने पर ऐसा ही आदेश जारी किया गया था, लेकिन बाद में हालात सुधरने पर उसे वापस ले लिया गया था. अब एक बार फिर हालात बिगड़ने पर सख्ती बढ़ा दी गई है.
CAQM ने पहले GRAP-3, फिर उसी दिन GRAP-4 लागू किया
केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण पैनल कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने शनिवार दोपहर को पहले दिल्ली और आसपास के इलाकों में GRAP-3 लागू किया था. लेकिन हालात तेजी से बिगड़ते देख उसी शाम GRAP-4 लागू कर दिया गया.
CAQM ने बयान में कहा कि वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट को देखते हुए यह फैसला तुरंत प्रभाव से पूरे एनसीआर में लागू किया गया है.
AQI 431 से 441 तक पहुंचा, हालात बेहद गंभीर
दिल्ली में शनिवार को हवा की स्थिति बेहद खराब रही. शाम 4 बजे AQI 431 दर्ज किया गया, जो कुछ ही घंटों में 6 बजे 441 तक पहुंच गया। यह स्तर सीवियर कैटेगरी में आता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. अगर AQI 450 के पार चला जाए, तो उसे ‘सीवियर प्लस’ श्रेणी में रखा जाता है.
क्या होता है GRAP और कब कौन-सा स्टेज लागू होता है?
CAQM के मुताबिक GRAP अलग-अलग AQI स्तर के आधार पर लागू किया जाता है.
जब AQI 201 से 300 के बीच होता है, तो GRAP-1 लागू होता है, जिसे खराब श्रेणी माना जाता है.
AQI 301 से 400 के बीच पहुंचने पर GRAP-2 यानी बहुत खराब स्थिति मानी जाती है.
AQI 401 से 450 होने पर GRAP-3 यानी गंभीर हालात होते हैं.
और जब AQI 450 से ऊपर चला जाता है, तब GRAP-4 यानी ‘सीवियर प्लस’ लागू किया जाता है.
प्रदूषण बढ़ने की वजह क्या है? CAQM ने बताया कारण
CAQM ने साफ किया है कि दिल्ली में AQI अचानक बिगड़ने की मुख्य वजह स्थानीय प्रदूषण नहीं, बल्कि मौसम से जुड़ी परिस्थितियां हैं.
आयोग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रहा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) इसकी बड़ी वजह है.
इस वजह से हवा की रफ्तार काफी कम हो गई है, कई बार तो बिल्कुल शांत हो जाती है. साथ ही हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर बदल गई है और निचले वातावरण में नमी बढ़ गई है. सर्दियों में ऐसी स्थितियां स्मॉग और कोहरे को बढ़ावा देती हैं, जिससे प्रदूषक कण हवा में फंस जाते हैं और फैल नहीं पाते.
हालात पर नजर, आगे और सख्ती संभव
प्रशासन और CAQM लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. अगर आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ, तो और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं. फिलहाल लोगों को सलाह दी गई है कि वे बाहर निकलने से बचें, मास्क का इस्तेमाल करें और बच्चों व बुजुर्गों का खास ध्यान रखें.
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर साफ हो गया है कि सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बनकर खड़ा हो गया है.
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