कौन हैं अशोक एलुस्वामी, जिनके फैन हैं एलन मस्क? पहले Tesla में फूंकी AI की जान और अब करेंगे ये क्रांति
Ashok Elluswamy Biography: टेस्ला के AI और ऑटोपायलट सिस्टम के पीछे जो सबसे बड़ा नाम है, वो है भारतीय इंजीनियर अशोक एलुस्वामी. चेन्नई से पढ़ाई करके अमेरिका पहुंचे अशोक ने टेस्ला में 2014 में बतौर पहले ऑटोपायलट इंजीनियर काम शुरू किया था. अब वो कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ AI हैं और पूरी AI टीम को लीड करते हैं. एलन मस्क की सबसे महत्वाकांक्षी तकनीक – सेल्फ ड्राइविंग कार – को हकीकत बनाने में अशोक की भूमिका बेहद अहम रही है.

Ashok Elluswamy Biography: टेस्ला के ऑटोपायलट टीम के नए हेड होंगे भारतीय मूल के अशोक एलुस्वामी... ये वही अशोक एलुस्वामी हैं, जिनकी तारीफ करते एलन मस्क भी थकते नहीं है. इन्होंने ने टेस्ला को दुनिया का सबसे पसंदीदा कार बनाया. इनके मेहनत का ही नतीजा था कि टेस्ला बिना ड्राइवर वाला कार बन पाया और उनके मेहनत और लगन को देखते हुए एलन मस्क ने उन्हें नई जिम्मेदारी दे दी है.
एलन मस्क पहले ही कह चुके हैं कि वे इस साल हजारों Optimus रोबोट्स बनाने की योजना में हैं. लेकिन चीन द्वारा दुर्लभ मैग्नेट्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के चलते इस प्रोजेक्ट की गति थोड़ी धीमी हो गई है. अशोक एलुस्वामी का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर फिर से ट्रेंड कर रहा है.
This tweet 9 years ago was how I started the Autopilot, now AI, team at Tesla.
Ashok, who now leads the team, was the first person I interviewed.
Milan, who leads Optimus, also joined very early.
Many of the key people in Tesla AI have been there from the beginning. https://t.co/yck84sSS0X
एलन मस्क ने 2 जून 2025 को एक पुराना ट्वीट शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि 2015 में टेस्ला के ऑटोपायलट प्रोग्राम की शुरुआत इसी ट्वीट से हुई थी, और अशोक एलुस्वामी पहले व्यक्ति थे, जिनका उन्होंने इंटरव्यू लिया था.
कौन हैं अशोक एलुस्वामी?
अशोक एलुस्वामी फिलहाल टेस्ला में वाइस प्रेसिडेंट ऑफ AI हैं। वो टेस्ला के ऑटोपायलट और AI सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स की अगुवाई करते हैं. ये वही तकनीक है जो टेस्ला की फुल सेल्फ ड्राइविंग यानी बिना ड्राइवर के चलने वाली कारों की नींव है.
2014 में एलन मस्क ने जब टेस्ला के ऑटोपायलट प्रोग्राम की शुरुआत की, तो अशोक एलुस्वामी पहले इंजीनियर थे जिन्हें इस टीम के लिए चुना गया और अब एक दशक बाद वो पूरे AI विभाग के मुखिया हैं.
कहां से पढ़ाई की?
अशोक ने चेन्नई के गिंडी इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री ली.
इसके बाद वो अमेरिका के मशहूर कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी से रोबोटिक सिस्टम्स डेवलपमेंट में मास्टर्स करने गए.
टेस्ला से पहले क्या किया?
अशोक टेस्ला से पहले WABCO Vehicle Control Systems में काम कर चुके हैं.
उन्होंने Volkswagen के इलेक्ट्रॉनिक रिसर्च लैब में भी इंटर्नशिप की, जहां वो शुरुआती ऑटोनॉमस ड्राइविंग (बिना ड्राइवर के गाड़ी चलाने की तकनीक) पर काम कर चुके हैं.
टेस्ला को दी नई दिशा
2019 से अशोक टेस्ला के पूरे AI डिपार्टमेंट को लीड कर रहे हैं. वो न केवल न्यूरल नेटवर्क (जो इंसानी दिमाग जैसी सोचते हैं), बल्कि रीयल टाइम डिसीजन मेकिंग सिस्टम्स तक की देखरेख करते हैं.
उनके नेतृत्व में टेस्ला सिर्फ एक इलेक्ट्रिक कार कंपनी नहीं रही, बल्कि अब वो AI और ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजी की दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है.
क्यों हैं ये भारत के लिए गर्व की बात?
अशोक एलुस्वामी उन गिने-चुने भारतीयों में से हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी और इनोवेशन मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं – वो भी बिल्कुल चुपचाप, बिना किसी प्रचार के... एलन मस्क खुद मानते हैं कि अशोक की भूमिका टेस्ला के भविष्य को आकार देने में बेहद अहम रही है.
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