'इंदिरा गांधी ने डर से पाकिस्तान को दे दी थी जमीन...', BJP सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पार्टी पर बड़ा आरोप
Nishikant Dubey Attacks On Congress: BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि 1965 की जंग जीतने के बावजूद इंदिरा गांधी ने 1968 में पाकिस्तान को रण ऑफ कच्छ की 828 वर्ग किमी ज़मीन दे दी. उन्होंने इसे डर और समझौतावादी राजनीति का नतीजा बताया. दुबे ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर पाकिस्तान समर्थक मानसिकता का आरोप भी लगाया.

Nishikant Dubey Attacks On Congress: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने 1968 में हुए रण ऑफ कच्छ समझौते को लेकर कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. निशिकांत दुबे ने दावा किया कि भारत ने 1965 की जंग जीतने के बावजूद 828 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पाकिस्तान को सौंप दी और इसे डर की वजह से लिया गया फैसला बताया.
निशिकांत दुबे ने शनिवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'आज की कहानी बहुत पीड़ादायक है. @INCIndia ने 1965 की जंग जीतने के बाद भी 1968 में गुजरात के रण ऑफ कच्छ का 828 वर्ग किलोमीटर हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया. भारत-पाक मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाया गया, युगोस्लाविया के वकील अली बाबर को भारत का प्रतिनिधि बनाया गया. संसद इसका विरोध कर रही थी, लेकिन 'आयरन लेडी' डर के मारे हमारी ज़मीन की नीलामी कर आई. यही है आयरन लेडी की सच्चाई.'
आज की कहानी बहुत ही दर्दनाक है @INCIndia पार्टी ने 1965 का युद्ध जीतने के बाद गुजरात के रन ऑफ कच्छ का 828 SQ किलोमीटर पाकिस्तान को 1968 में दे दिया ।भारत पाकिस्तान के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाए, मध्यस्थ बनाया,यूगोस्लाविया के वकील अली बाबर को हमने नियुक्त किया ।पूरी संसद… pic.twitter.com/htWRsvHj2C
समझौते में भारत को हुआ नुकसान
निशिकांत दुबे ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के अधीन अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल में विवाद ले जाकर भारत के हितों से समझौता किया। भारत ने युगोस्लाविया के अलेस बेबलर को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था, जिसके बाद हुए फैसले में पाकिस्तान को 828 वर्ग किलोमीटर ज़मीन सौंप दी गई.
'कांग्रेस का हाथ हमेशा पाकिस्तान के साथ' – दुबे का आरोप
निशिकांत दुबे ने इंदिरा गांधी की 'आयरन लेडी' की छवि पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का हाथ हमेशा पाकिस्तान के साथ रहा है। जो लोग आज देशभक्ति के नाम पर भाषण दे रहे हैं, उन्होंने ही पहले देश का हिस्सा दुश्मन को सौंपा. यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस लगातार इंदिरा गांधी की छवि को एक निर्णायक और मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत करती रही है। पार्टी मुख्यालय के बाहर लगे पोस्टरों में 'इंदिरा होना आसान नहीं' और 'India Misses Indira' जैसे नारे लगाए गए थे.
1991 के समझौते पर भी उठाए सवाल
निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर एक और आरोप लगाते हुए 1991 के भारत-पाक सैन्य सूचना समझौते का जिक्र किया, जिसमें दोनों देशों को हमले और सैन्य मूवमेंट से जुड़ी सूचनाएं साझा करने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी जी, ये समझौता भी आपकी ही पार्टी की सरकार ने किया था। क्या ये समझौता गद्दारी नहीं थी?'
राहुल गांधी पर 'हिपोक्रेसी’ का आरोप
निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के उस बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान की जानकारी मांगी थी. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान के वोट बैंक के लिए कांग्रेस बार-बार देश की विदेश नीति पर सवाल उठाएगी?
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
BJP के जवाबी हमले की यह पृष्ठभूमि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी है, जो भारत ने 7 मई को पहलूगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) के जवाब में लॉन्च किया था. इसमें भारत ने पाकिस्तान और PoJK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है. पाकिस्तान की ओर से इसके जवाब में सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी और ड्रोन हमले हुए, जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सीज़फायर हुआ.
निशिकांत दुबे का हमला सिर्फ अतीत की घटनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राहुल गांधी और कांग्रेस की मौजूदा रणनीति पर भी सवाल खड़ा करता है. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रवाद वाली छवि को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस इंदिरा गांधी की छवि को 'संकटमोचक' के रूप में पेश कर रही है.