Tim Cook कौन हैं, जिन्हें प्रेसिडेंट ट्रम्प ने दी हिदायत? जानिए Apple के CEO के बारे कुछ अनजानी बातें
Apple CEO Tim Cook: टिम कुक एप्पल इंक के वर्तमान CEO हैं, जिन्होंने स्टीव जॉब्स के बाद 2011 में यह पद संभाला. 1998 में कंपनी से जुड़ने से पहले वे IBM, Intelligent Electronics और Compaq जैसी कंपनियों में ऊंचे पदों पर काम कर चुके हैं. कुक को शांत, अनुशासित और प्रेरक लीडर माना जाता है, जो अपनी टीम को जिम्मेदारी और गुणवत्ता के साथ काम करने के लिए प्रेरित करते हैं.

Apple CEO Tim Cook: चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार के कारण दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी Apple भारत की ओर रूख करना चाहती है, लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक बयान रोड़ा बनकर सामने आ रहा है. ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक से कहा कि वे एप्पल द्वारा भारत में आईफोन बनाने से खुश नहीं है.
हालांकि भारत ने ट्रम्प की टिप्पणी को जरा भी तवज्जो नहीं दी है क्योंकि भारत न सिर्फ iPhone यूजर्स का हब है बल्कि मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का भी हब बनता जा रहा है... ऐसे में ट्रम्प के बयान के बाद एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि एप्पल को इस बात की अधिक चिंता होगी क्योंकि मेक इन इंडिया के तहत भारत एक महत्वपूर्ण मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर है. आईए यहां हम Apple के CEO Tim Cook के बारे में जानते हैं.
टिम कुक कौन हैं?
टिम कुक इस समय एप्पल कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं और वह कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य भी हैं. वह मार्च 1998 में एप्पल से जुड़े थे। 24 अगस्त 2011 को स्टीव जॉब्स के इस्तीफे के बाद टिम कुक को एप्पल का CEO बना दिया गया. उनकी कुल संपत्ति करीब 625.37 मिलियन डॉलर आंकी गई है. वह टेक्नोलॉजी, डिजाइन, पब्लिशिंग और एंटरटेनमेंट की दुनिया में एक बहुत प्रभावशाली शख्सियत माने जाते हैं.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
टिम कुक का जन्म 1 नवंबर 1960 को अमेरिका के अलबामा राज्य में हुआ था. उनके पिता डोनाल्ड कुक एक शिपयार्ड में काम करते थे और मां फार्मासिस्ट थीं. उन्होंने ऑबर्न यूनिवर्सिटी से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी से एमबीए किया, जहां उन्हें 'फुक्वा स्कॉलर' के रूप में सम्मान मिला.
एप्पल से पहले का करियर
एप्पल में आने से पहले टिम कुक ने 12 साल IBM कंपनी में काम किया. वहां वह नॉर्थ अमेरिकन फुलफिलमेंट के डायरेक्टर बने, जहां उन्होंने IBM के पर्सनल कंप्यूटर बिजनेस की मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का काम संभाला.
इसके बाद वह इंटेलिजेंट इलेक्ट्रॉनिक्स नाम की कंपनी में रीसैलर डिवीजन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बने. फिर वह कंपैक कंप्यूटर कंपनी में वाइस-प्रेसिडेंट बने और कंपनी के प्रोडक्ट इन्वेंटरी को मैनेज करते थे. इसके बाद उन्होंने एप्पल जॉइन किया.
एप्पल में करियर
1998 में टिम कुक ने एप्पल में अपने करियर की शुरुआत की. एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स ने उन्हें वर्ल्डवाइड ऑपरेशंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में जॉइन करने का न्योता दिया था. कुक ने बाद में कहा कि उन्होंने कंपैक छोड़कर एप्पल जॉइन करने का फैसला दिमाग से नहीं, बल्कि अपने दिल की आवाज पर किया.
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मैंने अपने इंट्यूशन (आतंरिक भावना) की सुनी, न कि दिमाग की या उन लोगों की जो मुझे अच्छे से जानते थे. स्टीव जॉब्स से मेरी पहली मीटिंग के पांच मिनट बाद ही मैं समझ गया था कि मुझे एप्पल जॉइन करना चाहिए. यह एक बार मिलने वाला मौका था किसी क्रिएटिव जीनियस के साथ काम करने का...'
CEO बनने से पहले टिम कुक एप्पल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे. उस समय वह पूरी दुनिया में एप्पल की सेल्स, ऑपरेशंस, सप्लाई चेन, सर्विस और सपोर्ट का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने एप्पल के मैकिन्टोश डिवीजन को भी हेड किया और कंपनी के रीसैलर्स और सप्लायर्स के साथ मजबूत संबंध बनाए, जिससे कंपनी बदलती मार्केट डिमांड के अनुसार तेजी से काम कर सके.
लीडरशिप स्टाइल
टिम कुक की लीडरशिप को प्रभावशाली और लोकतांत्रिक माना जाता है. वह शांत स्वभाव और सौम्य व्यक्तित्व वाले हैं. वह अपने कर्मचारियों से बहुत सारे सवाल पूछते हैं ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि वे अपने काम को सही से समझें और समय पर उसे पूरा करें. इस तरह वह अपनी टीम को फोकस्ड और प्रेरित बनाए रखते हैं.