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2024 में 513000 लोगों ने छोड़ा UK! आखिर क्यों छोड़ रहे हैं लोग ब्रिटेन? इन 9 Points में समझिए मौजूदा हालात

People leaving UK: ब्रिटेन में अब लोग बड़ी संख्या में देश छोड़कर विदेशों में बसने का मन बना रहे हैं. बढ़ती आर्थिक अस्थिरता, ब्रेग्ज़िट का असर, राजनीतिक ध्रुवीकरण, और कम करियर संभावनाएं भी इस 'ब्रेन ड्रेन' के पीछे प्रमुख कारण हैं. ब्रिटिश युवाओं का मानना है कि अब उनका जीवनस्तर उनके माता-पिता से भी बदतर है और वे बेहतर भविष्य के लिए विदेश जाना चाहते हैं.

People leaving UK: ब्रिटेन यानी यूनाइटेड किंगडम (UK) इन दिनों सिर्फ शरणार्थियों के आने की खबरों को लेकर चर्चा में नहीं है, बल्कि एक नई और चिंताजनक प्रवृत्ति भी सामने आ रही है—यहां के लोग अब खुद ही देश छोड़ने लगे हैं. Financial Times की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में रहने वाले हर उम्र के लोग अब विदेशों में बसने की योजना बना रहे हैं.

क्यों छोड़ रहे हैं लोग ब्रिटेन?

1. तेज़ी से बढ़ती महंगाई

लंदन जैसे बड़े शहरों में रहना अब आम लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। यहां किराया बहुत महंगा है, बच्चों की देखरेख (childcare) का खर्च भी भारी है और ऊपर से टैक्स की मार अलग. लोगों का कहना है कि यूरोप के अन्य शहर जैसे मैड्रिड, पेरिस या बर्लिन, लंदन की तुलना में कहीं सस्ते और आरामदायक हैं.

2. बिज़नेस और निवेश पर टैक्स का बोझ

ऐसे उद्यमी जो अपनी कंपनी बेचकर लाभ कमाते हैं, उन पर कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है. अब यही बिज़नेसमैन दूसरे देशों में जाकर बसने का मन बना रहे हैं ताकि इस टैक्स से बचा जा सके. इसके अलावा, ब्रिटेन में निवास नियमों में हुए हालिया बदलाव से इनहेरिटेंस टैक्स (विरासत टैक्स) से भी बचा जा सकता है, अगर आप देश छोड़ दें.

3. अस्थिर अर्थव्यवस्था और ब्रेग्ज़िट का असर

ब्रेग्ज़िट के बाद से ब्रिटेन की आर्थिक हालत डगमगाई हुई है. इसके अलावा, अमेरिका के संभावित आयात टैक्स (टैरिफ) का खतरा भी मंडरा रहा है. इससे ब्रिटिश नागरिकों और उद्योगों में चिंता का माहौल है, और वे अब अधिक स्थिर अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की ओर देख रहे हैं.

4. ऊंचा टैक्स और कम सुविधाएं

ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन इन्हें चलाने के लिए टैक्स दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. अब लोग टैक्स-फ्री या कम टैक्स वाले देशों जैसे सऊदी अरब, दुबई जैसे तेल-समृद्ध देशों की ओर रुख कर रहे हैं.

5. रहने का संकट (हाउसिंग क्राइसिस)

घर खरीदना अब आम लोगों, खासकर युवाओं के लिए सपना बन गया है. लंदन जैसे शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें इतनी ऊंची हैं कि लोग अब किराए पर भी ठीक से नहीं रह पा रहे.

6. स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली

ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) दुनिया में सस्ती और बेहतरीन मानी जाती है, लेकिन अब इसमें लंबी वेटिंग, कम स्टाफ और गिरती क्वालिटी जैसी समस्याएं हैं. कई लोग ऐसे देशों की तलाश में हैं जहां हेल्थकेयर ज्यादा तेज़, प्राइवेट और कुशल हो.

7. राजनीतिक अस्थिरता और ध्रुवीकरण

ब्रेग्ज़िट के बाद से देश में राजनीतिक असहमति और बंटवारा और बढ़ा है. कई नागरिक अब सरकार की दिशा से असंतुष्ट हैं और देश छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.

8. करियर में ठहराव

युवा और कुशल पेशेवरों को लगता है कि अब ब्रिटेन में करियर के अच्छे मौके नहीं बचे हैं. वे ऐसे देशों में जाना चाहते हैं जहां सैलरी बेहतर हो, अवसर ज़्यादा हों और जीवन स्तर ऊंचा हो.

9. बेहतर जीवनशैली की चाह

कई लोगों का मानना है कि यूरोप, ऑस्ट्रेलिया या कनाडा जैसे देशों में जलवायु, काम-जीवन संतुलन और सामाजिक माहौल ज़्यादा अच्छा है. खासतौर पर बुज़ुर्ग वर्ग अब ऐसे देशों में जा रहे हैं जहां वे अपनी संपत्ति पर ब्रिटिश टैक्स से बच सकें.

रिपोर्ट में क्या सामने आया?

ब्रिटिश काउंसिल के हालिया सर्वे में सामने आया कि 18 से 30 साल के करीब 75% युवा ब्रिटेन छोड़कर किसी और देश में बसने का विचार कर रहे हैं. वहीं, 66% युवाओं ने कहा कि उनके जीवन स्तर उनके माता-पिता की पीढ़ी से भी खराब है.

ब्रिटेन छोड़ने का ट्रेंड अब सिर्फ एक 'फैशन' नहीं बल्कि 'ज़रूरत' बनता जा रहा है. आर्थिक संकट, टैक्स का बोझ, महंगाई और राजनैतिक अस्थिरता ने लोगों को मजबूर कर दिया है कि वे बेहतर भविष्य की तलाश में विदेशों का रुख करें.

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