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चीन ने पूरे देश में AI चैटबॉट और टूल को किया बंद, जानिए xi jinping ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

China AI Shutdown: चीन ने अपनी महत्वपूर्ण 'गाओकाओ' (Gaokao) कॉलेज प्रवेश परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अलीबाबा, टेनसेंट, बाइटडांस और मूनशॉट जैसी प्रमुख AI कंपनियों ने अस्थायी रूप से अपने AI चैटबॉट्स या उनकी कुछ खास विशेषताओं, खासकर फोटो-पहचान क्षमताओं को बंद कर दिया है.

China AI Shutdown: चीन में आजकल एक बड़ी अजीबोगरीब चीज़ हो रही है. जरा सोचिए, वहां की सारी बड़ी-बड़ी AI कंपनियां जैसे कि अलीबाबा (Alibaba), टेनसेंट (Tencent), बाइटडांस (ByteDance) और मूनशॉट (Moonshot) - इन सबके चैटबॉट अचानक 'शांत' पड़ गए हैं! मतलब या तो वो पूरी तरह बंद हो गए हैं या उनकी कुछ खास खूबियां काम नहीं कर रही हैं.

पता है क्यों? वजह है वहां की सबसे बड़ी और 'लाइफ-चेंजिंग' परीक्षा, जिसका नाम है 'गाओकाओ' (Gaokao)... ये ऐसी परीक्षा है, जिसमें लाखों बच्चे कॉलेज में दाखिला पाने के लिए जान लगाते हैं. चीन के अधिकारियों को डर है कि कहीं ये स्मार्ट AI टूल्स, जिनकी आजकल हर जगह धूम है, परीक्षा में नकल करवाने का ज़रिया न बन जाएं. बस इसी डर की वजह से इन AI कंपनियों ने खुद ही ये कदम उठाया है.

अप परीक्षा में 'नो चोरी'

ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की रिपोर्ट कहती है कि अलीबाबा का क्वेवन (Qwen), टेनसेंट का युआनबाओ (Yuanbao), बाइटडांस का डौबाओ (Doubao) और मूनशॉट का किमी (Kimi) जैसे टॉप AI चैटबॉट ने अपनी फोटो-पहचान वाली सुविधाएं पूरी तरह बंद कर दी हैं. अब तुम उनकी फोटो खींचकर कोई सवाल नहीं पूछ पाओगे, ख़ासकर परीक्षा से जुड़ा...

क्या है ये 'गाओकाओ' और क्यों है इतनी टेंशन?

अब तुम सोच रहे होगे कि ये 'गाओकाओ' क्या बला है? भाई साहब, ये चीन की सबसे ज़रूरी Entrance examination है. इस साल ये 7 से 10 जून तक चल रही है. क़रीब 1.34 करोड़ से ज़्यादा छात्र इसमें अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं.

ज़रा सोचिए, सिर्फ़ कुछ हज़ार कॉलेज सीटों के लिए इतने सारे बच्चे! और हां, इसमें 'डबल फर्स्ट-क्लास कंस्ट्रक्शन' के तहत 147 यूनिवर्सिटीज़ में भी दाखिला मिलता है. इस परीक्षा का नतीजा ही तय करता है कि उनका आगे का भविष्य कैसा होगा, कहां पढ़ेंगे, क्या करेंगे!

जब दांव पर इतना कुछ लगा हो, तो वहां की सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ती. पहले से ही नकल रोकने के लिए बड़े सख़्त नियम हैं. परीक्षा हॉल में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बैन हैं, निगरानी के लिए ड्रोन तक उड़ते हैं! लेकिन अब ये जेनरेटिव AI आ गया है, जो बहुत स्मार्ट है. अब अधिकारियों को डर है कि कहीं ये AI टूल्स नकल का नया ज़रिया न बन जाएं.

AI चैटबॉट्स भी दे रहे हैं 'सफ़ाई'!

मज़े की बात ये है कि जब तुम युआनबाओ या किमी जैसे AI टूल्स से कोई इमेज से जुड़ा सवाल पूछोगे, तो वो अपने आप तुम्हें एक मैसेज देते हैं! जैसे, 'कॉलेज प्रवेश परीक्षाओं की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, हमारी इमेज-संबंधित सुविधाओं को अक्षम कर दिया गया है.'

बाइटडांस का डौबाओ थोड़ा अलग है. वो इमेज अपलोड तो करने देगा, लेकिन परीक्षा से जुड़े सवालों के जवाब नहीं देगा. साफ़-साफ़ मना कर देगा कि नियमों का पालन नहीं हो रहा है. वहीं, अलीबाबा का क्वेवन भी परीक्षा के दौरान टेस्ट पेपर का विश्लेषण करने से बच रहा है.

सरकार भी है 'अलर्ट' - AI के इस्तेमाल पर बनाए हैं नियम!

ऐसा नहीं है कि सरकार अभी जागी है. चीनी शिक्षा मंत्रालय ने पहले ही जेनरेटिव AI को स्कूलों में कैसे इस्तेमाल करना है, इसके लिए नियम बनाए हैं. 

उन्होंने साफ कहा है कि छात्र अपनी मर्ज़ी से ऐसे AI टूल्स का इस्तेमाल न करें जो कोई भी ओपन-एंडेड कॉन्टेंट बना सकें. सरकार ने शिक्षकों से भी कहा है कि AI को पढ़ाई में मदद करने के लिए इस्तेमाल करें, इंसान की जगह लेने के लिए नहीं.

अब देखिए, चीन में AI कितनी बड़ी बात बन गई है! नकल रोकने के लिए AI को ही रोकना पड़ रहा है. क्या आपको लगता है कि ऐसे ही कड़े नियम बाकी देशों में भी लागू होने चाहिए जहां बड़ी परीक्षाएं होती हैं?

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